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ख-या धर्माची शिकवण
सर्वांप्रती असावी आपुलकी
फेडावे यातुन समाजॠण
जपावी ह्रदयात माणुसकी !
.....संगीता भांडवले
वाशी, उस्मानाबाद
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नको उणी दुणी
नको हेवा दावा
माणुसकीचा धर्म
मनातुन जपावा !
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माणसाने माणसाला
माणसासारखे वागवावे
निभावुन माणुसकीचा धर्म
माणुसकीलाच जपावे !
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निभावुन खरा
माणुसकीचा धर्म
जाणुन इतरांचे वर्म
करावे चांगले कर्म !
....संगीता भांडवले
वाशी, उस्मानाबाद
Thursday, May 12, 2016
चारोळी
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