Monday, May 23, 2016
।।मोगरा।।
--------------------------------------------------------- ।।मोगरा।।
कुठेच नाही चारापाणी
सुनसान पडल्या दावणी
सर्जा-राजाला माझ्या
घेऊन जातेय छावणी !
संगीता भांडवले
वाशी, उस्मानाबाद
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समाजबंधनाचा जुगारुन बुरखा
चालवतेय आता बैलगाडी
भाऊ माझा पाठीराखा
संग सर्जा- राजाची जोडी !
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वाढु दे कितीही भाव
नाही इंधनाचा भार
ही बैलगाडीच जणु
माझा नैनो कार !
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रस्त्यात असु देत खड्डे
नाही अपघाताची भिती
बैलगाडीच धावते पुढे
नको ती हेल्मेटची सक्ती
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प्रत्येक क्षेत्रात महिलांनी
घेतलीय आघाडी
चालवितात कशा शिताफिने
सर्जाराजाची बैलगाडी !
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नको ती सहानुभुती
नको तो आसरा
माझ्याच हातात
प्रगतीचा कासरा !
...…संगीता भांडवले
वाशी, उस्मानाबाद
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खूप छानपणे बैल व गाडीचा वापर झाला आहे.
ReplyDeleteयाविषयाच्या अनुषंगाने कविताही करता येतील...
शुभेच्छा 💐 💐